अजीब सी घुटन है यहाँ
जुबां तो खामोश है पर शोर है यहाँ
उम्मीद के आशियाने में गुजर रही जिन्दगी
पर मौत कफ़न बन परी है यहाँ
सोचते है की आसमां को छू लेंगे
पर हनुमान तो कोई नहीं है यहाँ
कबतक तक दौरेंगे मंजिलों के तलाश में युहीं
नित रास्ते बढ़ ही रही है यहाँ
जुबां तो खामोश है पर शोर है यहाँ
उम्मीद के आशियाने में गुजर रही जिन्दगी
पर मौत कफ़न बन परी है यहाँ
सोचते है की आसमां को छू लेंगे
पर कोशिश अपाहिज बन खरी है यहाँ
उम्मीद तो वो बहुत बढ़ाते है मेरी पर हनुमान तो कोई नहीं है यहाँ
कबतक तक दौरेंगे मंजिलों के तलाश में युहीं
नित रास्ते बढ़ ही रही है यहाँ
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