मेरे चहेते मित्र

Friday, February 25, 2011

दिल की चाहत

कुछ बंदिशे तोरने को दिल चाहता है 
कुछ गलतियाँ करने को दिल चाहता है 
हम चल ना सके जिन राहों में
उन रास्तों पर चलने को दिल चाहता है
करता तो हूँ मै हमेशा ही अच्छे काम 
पर आज कुछ गलत करने को दिल चाहता है 
बोलता हूँ हमेशा ही अच्छे बोल 
पर आज गलत बोलने को दिल चाहता है 
क्यूँ बोझ ढोता रहू मै समाज की 
आज समाज से लड़ने को दिल चाहता है 
ना ही मागुंगा इजाजत ना ही लूँगा किसी की मदद 
बस यूँ ही गिरते पड़ते दौड़ने को दिल चाहता है 
मेरी जिन्दगी खुले आसमां के नीचे खरी 
आज पंख लगा उड़ने को दिल चाहता है 
तू देख मेरे हसरतों के खज़ाने को 
आज खज़ाना भरने को द्दिल चाहता है 
ख़्वाब जो भी देखे है मैंने 
सारे ख़्वाब पुरे करने को दिल चाहता है

Friday, February 18, 2011

यहाँ

अजीब          सी        घुटन          है             यहाँ 
जुबां      तो       खामोश   है   पर   शोर   है  यहाँ 
उम्मीद     के  आशियाने   में   गुजर  रही जिन्दगी 
पर      मौत      कफ़न       बन     परी     है    यहाँ 
सोचते      है       की      आसमां     को     छू   लेंगे  
पर      कोशिश   अपाहिज    बन    खरी    है    यहाँ 
उम्मीद      तो       वो         बहुत    बढ़ाते  है   मेरी 
पर           हनुमान      तो    कोई    नहीं   है    यहाँ 
कबतक     तक    दौरेंगे  मंजिलों  के  तलाश में युहीं 
नित              रास्ते       बढ़      ही    रही   है   यहाँ 

Monday, February 14, 2011

kafan

भूख    से   भीगे   है    बदन 
शोषित   होता   रहा है  मन 
युहीं लुटते थे है वो मेरा धन 
अब  बीत  गए  सारे  सावन 
नाही  लौट  सकेगा   यौवन 
नहीं  सहा   जाता     जलन 
ये  दोस्त  लादो  मेरा  कफ़न!
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...