मेरे चहेते मित्र

Wednesday, March 27, 2013

सुखी होली



सुबह सुबह जब जागा मै 
फटी कमीज में आधा मै 

मुंह पर चुपरा इन्द्रधनुष 
फिर भी लोगों मै  था खुश 

सोचा जाके साफ करूँ 
नल के पास वॉश  करूँ 

ठंडी ठंडी जल को  ले 
अपने चेहरे पर उड़ेले 

मन ही मन मुस्काने लगा 
दर्पण के निकट जाने लगा 

तभी मुझे मलाल हुआ 
मेरा चेहरा तो लाल हुआ 

पानी में भी घोटाला था 
खौन्ग्रेस  का मन काला था 

ज्यों का त्यों मै सर लिया 
ब्रश पकर रगड़ लिया 

पेस्ट नीम हरी सी थी 
उसमें रंग मिली सी थी 

दांतों से धोकेबाजी हुई 
अगस्ता से  सौदेबाजी हुई 

तभी किचेन से महक उठी 
मालपुआ और फुल्कें छोटी 

मुंह की प्यास बढ़ने लगी 
जीभ उधर को  चढ़ने लगी

तभी गैस ने धोखा  दिया
12  के बदले सिर्फ 9  दिया

इंडक्शन ने जान तो बचाली
पर महंगाई ने हलाल कर डाली

इसे देख प्रियसी मैंने पानी बचाली
और इस बार सुखी होली ही मनाली










Saturday, March 23, 2013

बिहार दिवस


खुश हूँ मै तो आज बस
है किसी का जन्म दिवस 

सारा  शहर सजा रखा है 
दिल को अपने खिला  रखा है 

मेलों सा माहौल है 
 जाने कितने लगे स्टाल है 

हर पसंद का टेस्ट है 
कोई लेता नहीं आज रेस्ट है 

सभी घूम के आयेंगे 
बिहार दिवस मनाएंगे 

मंत्री जी का भाषण होगा 
लेज़र शो प्रदर्शन होगा 

राज्य गीत को गायेंगे 
बिहार गौरव गान सुनायेंगे  

व्यंजन का मेला  सा होगा 
खाने वालों का रेला सा होगा 

एक  छोटा नाटक बनायेंगे 
उसमें औरत को दिखायेंगे 

राजन साजन मिश्र इति 
शास्तरीय संगीत सुनायेंगे 

मन ना भरे जो सुन्ने से पहले 
कत्थक नृत्य तुम देख लेना 

आज के दिन तुम मेरे भाई 
उदास न होना यही बस 

आओ घुम कर आते है 
मानते है बिहार दिवस 

सोनू निगम का गीत होगा 
खूब डांस संगीत होगा 

मुशायेरा के प्रतिभागी  होंगे 
नाशाद औरंगाबादी होंगे 

 मुशायेरों से दिल जो  ना भरे 
तो  हास्य कवी सम्मलेन की और चलें 

हँसते हँसते पेट में बल जो आये 
रूककर थोर व्यंजन खाएं 

लिट्टी हो चोखा 
 किसने है तुमको रोका 

खूब मजे से खायेंगे 
आज बिहार दिवस मनायेगे 





Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...