जिसके इंतजार में आज भी हूँ!
उस वक्त की कुछ दर्द छुट गयी है मेरे मन पर
कुछ धुंधली तस्वीरे अभी बाकी है यहाँ उसकी
कुछ ख़ुशी और कुछ गम का लम्हां यादों में संभालें हूँ
उस यादों की एक पोटली अभी बाकी है उसकी
एक अफशोश है मेरे पास जो जाती ही नहीं है
और बार बार ताने दे कर उसकी याद दिलाती है
कुछ मेरा सामर्थ और थोरी उम्र वो लेकर चला गया है
बदले में थोरी बदकिसमती छोर गया है मेरे लिए
क्या कुछ पन्ने ही तय करते रहेंगे समाज में मेरी जगह
या मेरी कोई अहमियत नहीं है तेरी महफ़िल में
गुजारिश करते करते मौत के दरवाजे तक आ गया हूँ
अब गुजारिश भी नहीं कर सकता बस इन्तेजार में हूँ
ये वक्त तू कब लौट कर आयेगा
और मेरी किस्मत को कब वापस करेगा
कब अपनी अमानत, जो सदियों से मेरे पास परी है
न जाने खुद भी सड़ कर मुझे भी बर्बाद कर रही है
को ले कर जाओगे !